मध्यप्रदेश के पर्यटन एवम पौराणिक एवं प्राकृतिक दर्शनीय स्थल - GK Study

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मध्यप्रदेश के पर्यटन एवम पौराणिक एवं प्राकृतिक दर्शनीय स्थल

इस पोस्ट में आप मध्य प्रदेश के पर्यटन एवम पौराणिक एवं प्राकृतिक दर्शन स्थलों के बारे में जानेंगे


अमरकंटकयह पुष्पराजगढ़ तहसील अनूपपुर में स्थित है

लगभग 3500 फीट ऊंचाई पर स्थित हिल स्टेशन कपिल धारा एवं दुग्ध धारा प्रपात, नर्मदा कुंड ,माई की बगिया ,कबीर चौरा ,नवग्रह मंदिर ,जैन मंदिर ,आदिनाथ मंदिर, सोनू मुंडा तथा साईं का मंदिर स्थित है. सन 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया
चित्रकूट  यह झांसी मानिकपुर रेल मार्ग पर कर्वी स्टेशन के निकट स्थित है

जनश्रुतियों के अनुसार ब्रह्मा विष्णु महेश ने यहीं पर बाल अवतार लिए थे वनवास के समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम यहीं पर महर्षि अदीबा सती अनसुईया के अतिथि बने कामदगिरि अनुसुइया आश्रम, भारतकूट तथा हनुमान धारा यहां स्थित है 2005 में पवित्र नगरी घोषित किया गया
.मैहर यह सतना जिले में कटनी इलाहाबाद मार्ग पर स्थित है

 संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खान की जन्म भूमि तथा आराध्य देवी शारदा मां का मंदिर| 2005 में इसे पवित्र नगरी घोषित किया गया
.सांची रायसेन जिले में झांसी इटारसी रेल मार्ग पर स्थित है
बौद्ध तीर्थ स्थल यहां तीन स्तूप है यहां का बड़ा स्तूप 36.5 मीटर व्यास का उचाई 16.4 मीटर है
मुक्तागिरी  बैतूल
दिगंबर जैनियों का पवित्र तीर्थ स्थल है यहां 52 मंदिर हैं
उज्जैन शिप्रा नदी के तट पर बसा है
 महाकालेश्वर मंदिर ,दक्षिण में जंतर-मंतर चिंतामणि ,गणेश, गोपाल जी का मंदिर, सांदीपनि का आश्रम ,मंगलनाथ का मंदिर ,भृतहरिगुफा| यहां पर 12 वर्ष बाद कुंभ का मेला लगता है 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया
ओंकारेश्वर खंडवा से 78 इंदौर से 71 किलोमीटर दूर नर्मदा के तट पर
 मध्यकालीन ब्राह्मण शैली में बना ओंकार मांधाता का सुंदर मंदिर है ,यहां सिद्धनाथ मंदिर 24 अवतार सनमात्रिक तट पर मंदिर, गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएं हैं सन 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया
बावनगजा   बड़वानी से 10 किलोमीटर दूर बावनगजा थी पहाड़ियों में
 प्रमुख जैन स्थल 15 वी शताब्दी की 72 फीट ऊंची ऋषभदेव जी की दिगंबर मूर्ति है



खजुराहो यह छतरपुर में स्थित है
 कंदरिया महादेव मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, आदिनाथ मंदिर, नंदी मंदिर, पार्श्व नाथ मंदिर ,आदि प्रमुख मंदिर हैं
तीन समूहों 1. पश्चिम समूह 2. पूर्वी समूह 3.दक्षिण समूह में चंदेल राजाओं द्वारा बनाए गए मंदिरों की श्रंखला है
नोहटा   बीना कटनी रेल मार्ग पर स्थित है
12 वीं शताब्दी में चंदेलों की राजधानी, गुरसैया और बेरमा दमोह में 21 किलोमीटर दूर नदियों के संगम पर बसा यह नगर प्राचीन शिव मंदिर और जैन मंदिर के अवशेषों है तो विख्यात है
पचमढ़ी  यह होशंगाबाद जिले में स्थित है
 अप्सरा बिहार, धूपगढ़, जटाशंकर, पांडव की गुफाएं, धूपगढ़, चौरागढ़ एवं महादेव शिखर हैं सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ 1350 मीटर है
बांधवगढ़  जबलपुर से 210 किलोमीटर दूर स्थित है
 1968 में बना यह पर अभ्यारण है
चंदेरी यह अशोकनगर जिले में स्थित है
 200 मीटर ऊंचे किले ,खूनी दरवाजा, चारों और  बावड़ियों बा सरोवर ,धोबन मठ स्थित है
पशुपतिनाथ का मंदिर यह मंदसौर जिले में स्थित है
 1982 में बिरला मंदिर के प्रारूप पर इस मंदिर का निर्माण हुआ इसमें पशुपतिनाथ महादेव की सवा 5 फीट ऊंची प्रतिमा लगी है
सोनागिरी यह दतिया के समीप स्थित है
 यहां पर दिगंबर जैन धर्म से संबंधित 108 मंदिर हैं
 गोम्मतगिरिइंदौर के समीप
 भगवान बाहुबली की 27 फीट ऊंची खड़गासन प्रतिमा है
पीतांबरा पीठ यह दतिया के समीप स्थित है
 पीतांबरा पीठ 1 शक्तिपीठ है
मांडूयह धार जिले में स्थित है
 इसे सिटी ऑफ जॉय कहा जाता है यहां पर जहाज महल, हिंडोला महल ,रानी रूपमती का महल, बाज बहादुर महल ,अशर्फी महल ,देखने योग्य है
भेड़ाघाट  जबलपुर में स्थित है
नर्मदा एवं बाबन नदी के संगम पर स्थित यह प्रपात दोनों और संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ है भृगुऋषि ने यही तपस्या की थी ,बंदर कूदनी और चौसठ योगिनी के मंदिर हैं
 चचाई का जलप्रपात यह रीवा जिले में स्थित है
130 मीटर ऊंचा यह जलप्रपात मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात है
.धुआंधार प्रपात  यह जबलपुर में है
 नर्मदा नदी पर स्थित यह प्रपात 18 मीटर ऊंचा है
महेश्वर यह खरगोन जिले में स्थित है
दक्षिण अवंतिका की राजधानी थी जहां पर सहस्त्रधारा प्रपात है अहिल्याबाई होल्कर ने इसे अपनी राजधानी बनाया था नर्मदा तट पर अहिल्या घाट देखने योग्य है
पावागिरी(ऊन) यह इंदौर में स्थित है
 यहां पर 99 जैन मंदिरों के निर्माण के कारण इसका नाम उन पड़ा है दिगंबर जैनों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है
पुष्पगिरी  यह देवास जिले में हैं
 जैनों का तीर्थ स्थल है और यहां पर कई शिक्षा संस्थान बनाए जा रहे हैं
भरहुत यह सतना जिले में हैं
 यहां बौद्ध स्तूप के साक्ष्य मिले हैं





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