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अक्तूबर 27, 2018

विश्व का इतिहास की महत्वपूर्ण घटनायें-1(Important Events in the World's History-1)


विश्व का इतिहास की महत्वपूर्ण घटनायें


1. धर्मयुद्ध (1095-1272 ई.):
यह 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच पवित्र स्थल येरूशलम को प्राप्त करने के लिए पश्चिमी यूरोप के ईसाइयों ने 1095 ई से 1272 ई  के बीच येरूमलम को प्राप्त करनें के लिए आठ बार आक्रमण किए, किंन्तु सफल नही हो सके। अंत में जनरल एलेनबी ने 1997 में येरूशलम को तुर्की कें आधिकार से मुक्त करा लिया।


2. मैग्नाकार्टा (1215 ई):
इंग्लैण्ड केे राजा जॉन द्वितीय के अत्याचारी शासन के विरोध में सामंतों तथा पादरियों नें जनता के साथ मिलकर शासन में सुधार के लिए एक आधिकार पत्र तैयार किया, जिस पर विवश होकर राजा जॉन द्वितीय को 15 जून, 1215 को हस्ताक्षर करना पड़ा। इस आधिकार पत्र को मैग्नाकार्टाकहते हैं। 63 धाराओं वाला यह आधिकार-पत्र अंग्रेजी जनता की स्वतंत्रता की आधारशिला माना जाता है।

3. धर्म सुधार (14वीं और 15वीं शताब्दी ):
यह  एक आंदोलन था, जो चर्च की बुराइयों को दूर करने के लिए चलाया गया था। प्रोटेंस्टेट सम्प्रदाय का जन्म इसी आंदोलन के समय हुआ। इसी समय वाइक्लिफ की प्ररेणा से पहली बार बाइबिल का अंग्रेजी में अनुवाद हुआ। धर्मसुधार आंदोलन के दो रूप थे
 (a)प्रोटेंस्टेट धर्म सुधार, तथा
 (b)कैथोंलिक धर्म सुधार।


 प्रोटेंस्टेटट धर्म सुधार की शुरूआत 1517 ई  में जर्मनी कें मार्टिन लूथर ने की। उसने क्षमापत्रोें की बिक्री के विरूद्ध 95 thesis' ‘ प्रस्तुत की।

कैथोलिक धर्मसुधार की शुरूआत 16 वीं सदी के मध्य मेें हुई। कैथोलिक धर्मसुधार में ट्रेट की सभा ‘ (1543 -1563 ई  ) की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

4. ओटोंमन साम्राज्य (1400 ई़.-1600 ई.):

14 जुलाई ओटोमन साम्राज्य की स्थापना ओथमैन नामक एक कट्टर गाजी मुगलमान ने की थी। ओटोमन साम्राज्य का विस्तार तीन महाद्वीपों - एशिया, यूरोप और अफ्रीका तक था।

5. वाणिज्यिक का्रंति (1500 ई़.)

नये देशों के खोजों से व्यापारिक देशों को नये बाजार मिले गये तथा इससे व्यापारिक गतिविधियां तेज हो गयी। इससें वाणिज्यिक क्रंाति प्रारंभ हुई। इसके अंतर्गत नये-नये बैकों की स्थापना की गयी, स्टॉक एक्सचेंज प्रणाली का विकास हुआ तथा व्यापारिक क्षेत्र में कई नये शहर उभर कर सामने आये।


6. पुनर्जागरण (15वीं और 16वीं शाताब्दी )

पुनर्जागरण का शाब्दिक अर्थ है- पुनर्जन्म। यह इटली से प्रारंभ हुआ और पूरे यूरोप और बाद में पूरे संसार मे फैल गया। पुनर्जागरण के अंतर्गत सामाजिक बुराइयों को दूर किया गया तथा कई नयी बातों को अपनाया गया। मानवतावाद इसका सबसे प्रमुख क्षेत्र था। साहित्य, काल दर्शन तथा विज्ञान आदि सभी क्षेत्रों पर इसका प्रभाव पड़ा।


7. औद्योगिक क्रांति (16वीं शाताब्दी )

वैज्ञानिक विचारों के उदय से इग्लैंड एवं बाद में यूरोप में कृषि, वाणिज्य, संचार और यातायात के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ, जिसे औद्योगिक क्रांतिकहा गया। इस क्रांति के जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया। औद्योगिक। क्रांति ने न केवल इग्लैंड अपितु पूरे विश्व पर गहरा प्रभाव डाला। इस क्रांति के समय कई महत्वपूर्ण आष्किार किये गये।

8. गौरवमयी क्रांति (1688-89 ई.)

यह क्रांति इग्लैंड में हुई। इस क्रांति में किसी प्रकार का खून-खराबा नहीं हुआ, इसलिए इसेरक्तहीन क्रांतिभी कहते हैं। इस समय इग्लैंड का राजा जेम्स द्वितीय था। वह जनता में अलोकप्रिय था। क्रांति के बाद वह फ्रांस भाग गया। इस क्रांति सें इंग्लैड में निरंकुश राजतंत्र समाप्त हो गया तथा संवैधानिक राजतंत्र की स्थापना हुई।

9. अमेरिका की क्रांति (1776 ई )

अमेरिका, सबसे पहले इंग्लैड का उपनिवेश या गुलाम था। इंग्लैड यहां के लोगांे पर अत्याचार करता था। इससे कुछ समय बाद यहां के स्थानीय लोगों एवं उपपिवेश के लोगों के बीच टकराव प्रारंभ हो गया। इस टकराव के कारण आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक तीनों थे। 16 दिसम्बर, 1773 की बोंस्टन चाय पार्टी की इस कांति की शुरूआत हो गयी।  अमेरिका की इस क्रांति का नेतृत्व जॉर्ज वाशिंगटन ने किया। बंकर्स हिल की लड़ाई तथा बकलिन के युद्ध में अमेरिकियों को विजय मिली। 1773 के साराटोगा के युद्ध में जॉर्ज वाशिंगटन ने अंग्रेज जनरल बुंगाइन को आत्म-समर्पण के लिये मजबूर कर दिया। इसके बाद कई अन्य स्थानोें में इंग्लैड को अमेरिका ने हराया। 19 अक्टूूबर, 1781 को अंग्रेज सेनाध्यक्ष लार्ड कार्नवालिस ने यार्कटाउन में आत्म- समर्पण कर दिया। 1783 में पेरिस की संधि से युद्ध समाप्त हो गया तथा अमेरिका स्वतंत्र देश बन गया। स्वतंत्रता के बाद जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति बने। टॉमस जैफरसन ने अमेरिका की स्वतंत्रता का घोषणा - पत्र तैयर किया।

10. फ्रांस की क्रांति (1789-93 ई. )

14 जुलाई, 1789 को जनता ने क्रुद्ध होकर राजा के अत्याचार के प्रतीक बास्तील जेेल को तोड़कर कैदियोें को मुक्त कर दिया। इस घटना के कारण फ्रांस में व्यापक क्रांति हुई, जिसे फ्रांस की राज्य क्रांतिकहते है। इस क्रांति के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का नारा दिया गया, जो यूरोप एवं विश्व की अनेक क्रांतियांे के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना। इस क्रांति का नायक नेपोलियन था। इस क्रांति का सबसे मुख्य कारण फ्रांस के राजा लुई सोलहवें का अत्याचारी शासन एवं उसकी पत्नी मेरी का विलासितापूर्ण एवं घमंडी व्यहार था।

11. स्वेज नहर का निर्माण (1859-1874 ई.)

स्वेज नहर का निर्माण विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। इस नहर का निर्माण म्रिस के शासक सईद पासा (1854 ई़-1863 ई ) के समय किया गया था। यह नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। इस नहर के निर्माण से यूरोप और एशिया के बीच की दूरी कम हो गई। फर्डिनेन्ड-डी लैसप्स नामक फ्रांसीसी इंजीनियर इस नहर के वास्तुकार थे। इस नहर का निमार्ण 1859 ई  मेें आरंभ हुआ तथा यह 10 वर्षोे में बनकर तैयार हुई। 1956 मे मिस्र के शासक कर्नल नारिस ने स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण कर दिया, जिसके कारण फ्रांस, ब्रिटेन तथा इरायल नें मिस्र पर आक्रमण कर दिया, जिसे स्वेज नहर का युद्ध कहते हैं। स्वेज नहर को 1975 में फिरसे खोल दिया गया।


12. चीन की क्रांति (1911 ई)

मंचू सरकार से चीन के लोग प्रसन्न नहीं थे। इसके कारण चीन में 1911 में एक क्रांति हुई, जिसमें मंचू सरकार को सत्ता से हटा दिया गया तथा वहां नया साम्यवादी शासन स्थापित हुआ। चीन में गणतंत्र की स्थापना की गयी। इस क्रांति के नायक डॉ ़ सनयात सेन थे उन्होंने एक क्रांतिकारी संगठन ‘ ‘तंग-मेंग-हुईकी स्थापना की।


13. प्रथम विश्व युद्ध (1914-18 ई़ )

प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक लड़ा गया। ऑस्ट्रिया-हंगरी के राजकुमार आर्क ड्यूक फ्रासिंस फर्डिनेड की हत्या इस महायुद्ध का तात्कालिक कारण था। ऑस्ट्रिया-सर्बिया और फ्रांस-जर्मनी के संघर्ष की शुरूआत हो गयी। पूरा विश्व दो गुटों में बंट गया। ऑस्ट्रिया, तुर्की, जर्मनी, हंगरी तथा बुल्गारिया एक ओर एवं मित्र राष्ट्र - जिसमें ब्र्रिटेन, फ्रांस, सर्बिया, बेल्जियम तथा रूस शामिल थे, दूसरी ओर थे। बाद में इटली और अमेरिका ने भी मित्र राष्ट्रों का साथ दिया। मोर्न का युद्ध, बर्डन का युद्ध एवं जटलैंड का युद्ध इस महायुद्ध के तीन प्रमुख भाग थे। इस मित्रों देशों की विजय हुई। इस युद्ध में जर्मनी बुरी तरह पराजित हुआ तथा उसे 1919 में वर्साय की संधि की अपमानजनक शर्तों को स्वीकार करना पड़ा। इस युद्ध का पूरा दोष जर्मनी पर लगाया गया। उससे उसके कई प्रदेश छीन लिए गये तथा युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में भारी जुर्माना लगाया गया। इस संधि की शर्ते द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण बनीं।


14. रूस की बोल्शेविक क्रांति (1997 ई )

रूस क्रांति की क्रांति का मुख्य कारण रूस के शासक जार निकोलस द्वितीय का निरंकुश शासन एवं उनका मनमानापन था। उसके शासन से जनता तंग आ चुकी थी। इसी  वजह से उसे हटाने के लिये यह क्रांति हुई। इस क्रांति का नेतृत्व लेनिन ने किया। इसके बाद ही रूस में समाजवाद का जन्म हुआ और मार्क्सवादी विचारधारा की सामने आयी। विश्व में प्रथम साम्यवादी सरकार की स्थापना लेनिन ने ही की थी।


15. राष्ट्र संघ का उदय (1920 ई )

प्रथम विश्व के बाद यह महसूस किया जाने लगा की विश्व की राजनीतिक समस्याओं को हल करने के लिए एक ऐसी संस्था का गठन किया जाना चाहिये, जो इस कार्य को पूरा कर सके। वर्साय की संधि के बाद 10 जनवरी, 1920 कों राष्ट्र संघ की स्थापना की गई। राष्ट्र संघ की स्थापना का उदेद्श्य अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा का स्थापना करना, विश्व के विभिन्न देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाकर सभी के लिये सुखमय जीवन सुनिश्चित करना एवं पेरिस शांति सम्मेलन की संधियों कों अमल को लाना था। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के जेनेवा नगर में स्थापित किया गया था। प्रारंभ में इसमेें 52 सदस्य थे, किंतु बाद बढ़कर 57 हो गए थे। लेकिन राष्ट्र संघ अपने उदेद्श्य में सफल नहीं हुआ तथा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसकी जगह संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गयी।


16. इटली का एकीकारण (19 वीं शाताब्दी )

19वीं शाताब्दी के प्रारंभ तक इटली से छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था तथा 1870 से पहले तक इटली का नाम का कोई देश नहीं था। जब नेपोलियन फ्रांस का सामाज्य बना तो उसने इन गणराजों तथा पोप के राज्य की स्थापना की। इस प्रकार इटली के एकीकारण के शुरूआत हुई। इसमें सबसे प्रमुख भूमिका इटली के शासक विक्टर एमानुएल तथा अन्य लोगों कावूर,मैजिनी एवं गैरीबाल्डी की रही। इसके लिए इटली के लोगों को कई युद्ध भी करने पड़े। जब 20 सितम्बर, 1870 को रोम पर अधिकार हो गया तो इटली के एकीकारण का कार्य पूरा हो गया।


17. जर्मनी का एकीकारण ( 19वीं शाताब्दी

सन् 1789 से पहले तक जर्मनी लगभग 300 छोटे-बड़ों राज्यों में बंटा हुआ था। ये सभी राज्य पवित्र रोमन साम्राज्य के अधीन थे। लेकिन नेपोलियन ने जब जर्मनी में 39 राज्यों को एक संघ बानया तो वहां एकीकारण का मार्ग खुल गया। इसके बाद जर्मनी के लागों ने देश एकता के प्रयास का प्रारंभ कर दिये। जर्मनी के एकीकारण में सबसे प्रमुख भूमिका बिस्मार्क की थी। उसने अपनी रक्त एवं लौह की नीति द्वारा इस महान कार्य को पूरा कर दिया। 10 मई, 1871 को एवं प्रशा के  बीच फै्रकफर्ट की संधि होते ही जर्मनी एकीकारण पूर्ण हो गया।


18. अमेरिका का गृहयुद्ध ( 1861-1868 ई  )

4 जुलाई, 1776 को अमेरिका के सभी 13 उपनिवेशों को स्वतंत्रता मिल गयी। इसके बाद उत्तर एवं दक्षिण के राज्योें में आपस में मनमुटाव बढ़ने लगा। उत्तर के राज्य जहां साधन संपन्न थे, वहीं दक्षिण के राज्य पिछड़े हुये एवं अर्द्धविकसित अवस्था में थे। दासता की समस्या सबसे प्रमुख थी। इस प्रकार उत्तरी एवं दक्षिणी राज्यों में मतभेद बढ़ता गया और 12 अप्रैल, 1861 को अमेरिका के गृहयुद्ध प्रारंभ हो गया। यह युद्ध चार वर्षो तक चला। इसमें प्रारंभ से ही उत्तरी राज्यों की स्थिति मजबूत थी। अंत में उत्तरी राज्यों की विजय हुई तथा दक्षिण राज्यों की हार गये। 14 अप्रैल, 1865 जॉन विस्कस ब्रूस द्वारा अबा्रहम लिंकन की हत्या कर देने से इस गृह युद्ध पर एक काला धब्बा लग गया। इस युद्ध को अमेरिका में जन-धन का काफी नुकसान हुआ लेकिन इसके बाद वहां एक नये युग आरंभ हुआ।


19. नाजीवाद ( 20 वीं शताब्दी )

नाजीवाद का उदय जर्मनी में हुआ। नाजीवाद के उदय के काई कारण थे। इसमें युद्ध के बाद की आर्थिक परेशानियां, बेरोजगारी, पूंजीवादी व्यवस्था का विरोध, जर्मनी के लोगों के क्रांतिकारी भावना के उदय, वर्साय की संधि की अपमानजक शर्ते आदि थे। नाजीवाद की स्थापना राजनीतिक षडयंत्र के द्वारा की गयी। हिटलर नाजीवाद का सबसे प्रमुख नेता था। उसने नात्सी दल का गठन किया तथा नया झड़ा अपनाया।


20. फासीवाद (20वीं शताब्दी )

फासीवाद का उदय इटली में हुआ फासिस्ट लैटिन भाषा के बाद फेसियोसे बना है, जिसका अर्थ है-फरसे के साथ डंडो को गठ्ठर। सर्वप्रथम फासीदल की स्थापना मार्च, 1919 में बोल्शेविकवाद के विरोध में हुई थी। फासीवाद दल सभी लोग शामिल थे। इस दल के सदस्य काली कमीज पहनते थे। इस दल का नेता मुसोलिनी था। पेरिस शांति सम्मेलन की अपमाजनक  शर्ते, अर्थिक परेशानियां, बेरोजगारी, पूंजीवाद व्यवस्था का विरोध, इटली के लोगों में क्रांतिकारी भावना का उदय आदि फासीवाद के उदय के कारण थे।

21. रोम-बर्लिन-टोकियो-धुरी ( 1936-37 ई )

हिटलर की आक्रामक नीतियों से यूरोप के विभिन्न देश भयभीत हो गये। इसकी वजह से ये देश जर्मनी के विरूद्ध गुटबंदी करने लगे। इससे हिटलर अतंर्राष्ट्रीय राजनीति में अकेला महसूस करने लगा। उसने इटली तथा जापान के साथ मिलकर एक गुट बना लिया। इटली और जर्मनी के मध्य से अक्टूबर, 1936 ई  मेें एक समझैता हुआ, जिसे रोम-बर्लिन धुरी कहा गया। बाद में जापान ने नवंबर, 1936 मेें एक समझैता किया, जिसे कामिटर्न विरोधी समझौताकहा जाता है।


22. द्वितीय विश्व युद्ध ( 1939-45 ई )

द्वितीय विश्व युद्ध 1939 से 1945 तक लड़ा गया। प्रथम विश्व युद्ध के बाद हुई वर्साय की संधि से जर्मनी और इटली में क्रमशः नाजीवाद एवं फासीवाद का उदय हुआ। इसके अलावा जापान की विस्तारवादी नीतियां तथा ब्रिटेन और फ्रांस की बढ़ती साम्राज्यवादी शाक्ति में संघर्ष भी इस युद्ध के कारण बने। इससे धुरी राष्ट्रों ने ( जर्मनी, इटली और जापान ) ने मित्र राष्ट्रों ( फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका और पोलैंड ) के विरूद्ध युद्ध किया। धुरी राष्ट्रों की हार हुई। एल अलनीन की लड़ाई, स्टेलिनगा्रद की लड़ाई, कोरल की, अलामेन का यु़द्ध तथा नारमंडी की लड़ाई इस महायुद्ध की प्रमुख लड़ाईयां थी। इस युद्ध में जापान ने 7 दिसंबर, 1914 ई  को अमेरिका के पर्ल हार्बर पर आक्रमण किया, जिसके कारण अमरीका ने जापान के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी और 1945 ई  में जापान के दो शहरों - हिरोशिमा और नागासाकी पर क्रमशः 6 और 9 अगस्त को परमाणु बम गिराये। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति 14 अगस्त, 1945 ई  को हुई।

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अक्तूबर 27, 2018

सामान्य ज्ञानः विश्व का इतिहास-2(General Knowledge: History of the World-2)

सामान्य ज्ञानः विश्व का इतिहास


1. इटालियन गद्य का जनक कहानीकार बाकेशियोको माना जाता है। उनकी प्रसिद्ध रचना डेकामेरॉन है।

2. पुनर्जागरण काल में चित्रकला का जनक जियाटोको माना जाता है। पुनर्जागरण काल का सर्वश्रेष्ठ निबंधकार फा्रन्सिस बेकन को माना जाता है।

3. धर्म सुधार आंदोलन की शुरूआत 16वीं सदी में जर्मनी में हुई। धर्म सुधान आंदोलन का प्रवर्तक मार्टिन लूथर को माना जाता है।

4. अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलम्बर ने की थी। लेकिन अमेरिका का नामकरण इटली के निवासी अमेरिगो बेस्पुसी के नाम पर पड़ा है।

5. अमेरिकी महाद्धीप को यूरोपियों द्वारा नई दुनियाकहा गया। कोलम्बस ने अमेरिका को भारतीय उपमहाद्धीप का हिस्सा समझकर यहां के निवासियों को रेड इंडियन कहा था।


6.फ्रंासीसी शल्य चिकित्सक एम्ब्रायज पारे ने आधुनिक शल्य चिकित्सा में नई तकनीक का विकास किया, जिसमें था रक्त वाहिनियों को टांके लगाकर सीना न कि उन्हें गर्म लोहे से दागकर बंद करना।

7. 1453 ई. में उस्मानी तुर्को ने बाइजेण्टाईन सामा्रज्य की राजधानी कस्तुतुनिया पर कब्जा कर लिया और पूर्वी रोमन सामा्रज्य का सूर्य सदा के लिए अस्त हो गया।

8. इंग्लैण्ड में गृहयुद्ध 1642 ई. में चार्ल्स प्रथम के शासनकाल में हुआ था। इंग्लैण्ड में गौरवपूर्ण क्रांति 1688 ई. में हुई थी उस समय इंग्लैण्ड का शासक जेम्स द्वितीय था।

9. ब्रिटेन में उत्तराधिकार के लिए गुलाबों का युद्ध वर्ष 1455 से 1487 के बीच में हुआ था। सौ वर्षीय युद्ध (1337-1453) इंग्लैण्ड और फ्रांस के बीच हुआ था।

10. 1603 में इंग्लैण्ड में स्टुअर्ट राजवंश का शासन शुरू हुआ जिसका राजा जेम्स प्रथम बना, जो स्कॉटलैंड से आया था।

11. औद्योगिक क्रांति शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फ्रांस के समाजवादी नेता ब्लांकी ने वर्ष 1837 में किया था। जिसके बाद यह शब्द सामान्य रूप से प्रयोग किया जाने लगा।

12. 1702 ई. के लगभग टॉमस न्यूकॉम ने पहला वाष्प का इंजन बनाया। जिसका व्यापक उपयोग कोयले की खानों में से पानी फेंकने के काम में किया जाता था।

13. वर्ष 1829 में जॉर्ज स्टीफेन्सन ने अपने स्वनिर्मित इंजन से लिवरपूल और मैनचेस्टर के बीच तेज रफ्तार से रेलगाड़ी चलाकर रेल परिवहन के युग की शुरूआत की थी।

14. 1776 ई. में एडम स्मिथ कीे युगान्कारी पुस्तक वेल्थ ऑफ नेशन्सप्रकाशित हुई। जिसमें वाणिज्यवाद की नियामक तथा एकाधिपरक अवधारणाओं की आलोचना की गई।

15. चार्ल्स फॉरियर एक महत्वपूर्ण यूरोपियन विचारक था, जो आधुनिक औद्योगिकवाद का विरोधी था। फ्रांसीसी यूरोपियन चिंतकों में एकमात्र लुई ब्लां ऐसे व्यक्ति थे जिसने राजनीति में हिस्सा लिया था।

16. फ्रांस के बाहर सबसे महत्वपूर्ण यूरोपियन चिंतक रॉबर्ट ओवन उद्योगपति था। जिसने इंग्लैण्ड के न्यू लूनार्क नामक स्थान पर एक फैक्टरी स्थापित की थी।

17. ‘दुनिया के मजदूरों एक होयह नारा कार्ल मार्क्स ने दिया था।

18. सप्तवर्षीय युद्ध (1765-1763 ई0) इंग्लैण्ड एवं फ्रंास के बीच हुआ था। जिसने अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम पर गहरा प्रभाव डाला।

19. 1776 ई. में टॉमस पेन की लघुपत्रिका कॉमनसेन्सप्रकाशित हुई। जिसमें लेखक टॉमस जैफरसन ने उपनिवेशवासियों के विद्रोह करने के अधिकार का समर्थन किया और उनकी बढ़ती हुई स्वतंत्रता की इच्छा को प्रोत्साहन दिया।

20. 1781 ई. में उपनिवेशी सेना के सम्मुख आत्मसर्पण करने वाला ब्रिटेन का सेनापति लॉर्ड कॉर्नवालिस था।

21. ‘‘प्रजातंत्र जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए शासन है।‘‘ यह प्रसिद्ध उक्ति अब्राहम लिंकन की है।

22. अमेरिकी गृहयुद्ध की समाप्ति 26 मई, 1865 को हुई। अब्राहम लिंकन की 4 मार्च 1865 को जॉन विस्कस बूथ ने हत्या कर दी थी।

23. 18वीं शताब्दी में फांसीसी समाज तीन एस्टेट्स अर्थात श्रेणी में बंटा हुआ था। दूसरे एस्टेट में अभिजात वर्ग तथा तीसरे एस्टेट में सामान्य लोग तथा प्रथम एस्टेट में पादरी थे।

24. नेशनल असेम्बली के आलोचकों में जैकोबिन क्लब के सदस्य प्रमुख थे। जैकोबिन क्लब पेरिस के भूतपूर्व कॉन्वेण्ट ऑफ सेण्ट जैकबके नाम पर रखा गया था। इसका नेता मैक्समिलियन रॉब्सपियर था।

25. 5 मई 1789 को धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए लुई सोलहवें  ने स्टेट्स जनरल की बैठक बुलाई। तृतीय स्टेट्स की बात नहीं स्वीकार करने पर उन्हें अपनी सभा को नेशनल असेम्ब्ली का नाम दिया।

26. नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त, 1769 को कोर्सिका द्वीप की राजधानी अजासियो में हुआ था। उसके पिता का नाम कार्लो बोनापोर्ट था। नेपोलियन वर्ष 1804 में फ्रांस का सम्राट बना था।

27. नेपोलियन की पत्नी जोजेफाईन को तलाक देकर ऑस्ट्रियां की राजकुमारी मोरिया लुइसा से शादी की। नेपोलियन का लिटिल कॉर्पोरल के नाम से भी जानाजाता है।

28. नेपोलियन ने ब्रिटेन के सैनिक आकादमी में शिक्षा प्राप्त की थी। फ्रंास में डायरेक्टरी के शासन का अंत 1799 ई. में हुआ। नेपोलियन 1799 ई. में प्रथम कॉन्सल बना।

29. ‘‘यदि समाज में क्रांति लानी हो तो क्रांति का नेतृत्व नवयुवकों के हाथ में दे दो।‘‘ यह प्रसिद्ध कथन ग्यूसेप मेजिनी का है।


30. वर्ष 1851 में काउण्ट कावूर सार्डिनिया का प्रधानमंत्री बना, जो मानता था कि देश का एकीकरण बिना किसी विदेशी सहायता के संभव नहीं है।

31. वर्ष 1859-60 में उत्तरी इटली में जो क्रांति हुई उसकी लहर दक्षिणी राज्यों सिसली एवं नेपल्स में फैली। दक्षिणी इटली का एकीकरण गैरीबाल्डी के नेतृत्व में हुआ था।

32. वर्ष 1815 से 1850  के बीच जर्मन साम्राज्य पर ऑस्ट्रिया का आधिपत्य था। इस समय ऑस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक था।

33. सेडान के युद्ध के बाद फ्रंास और प्रशा के बीच 10 मई, 1871 को फ्रैंकफर्ट की संधि हुई जिसके बाद जर्मनी का एकीकरण संभव हो सका।

34. बिस्मार्क का मानना था कि ‘‘समकालीन महान प्रश्नों का समाधान भाषणों और बहुमत द्वारा नहीं, वरन रक्त और लोहे द्वारा ही किया जा सकता है‘‘

35. लेनिन ने चेका का संगठन किया था। लेनिन ने भूमि, शांति और रोटी का नारा दिया था। उसने बोल्शेविक का दल कार्यक्रम को स्पष्ट किया था जिसे अप्रैल थीसिस  के नाम से जाना जाता है।

36. सर्वप्रथम क्रीमिया के युद्ध में रूस की पराजय से देश में सुधारों का युग आरम्भ हुआ। इसके पश्चात वर्ष 1904-05 में रूस जापान से पराजित हुआ। जिसने रूस में पहली क्रांति को जन्म दिया।

37. रूस का पहला साम्यवादी प्लेखानोव था। जो रूस में जारशाही की निरंकुश्ता समाप्त करके साम्यवादी व्यवस्था की स्थापना करना चाहता था।

38. वर्ष 1905 की क्रांति के बाद रूस की प्रतिनिधि संस्था ड्यूमा का गठन हुआ।

39. प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान युद्ध का अंत करोका नारा लेनिन ने दिया था। स्थायी क्रांति का सिद्वांत का प्रवर्तक ट्राटस्की था। आुधनिक रूस का निर्माता स्टालिन को माना जाता है।

40. वर्ष 1905 में सनायत सेन ने तुंग मेंग दल की स्थापना की थी। जिसका उद्देश्य चीन में मंचू वंश के शासन को समाप्त करना था। मंचू राजवंश का पतन वर्ष 1911 में हुआ।

41. वर्ष 1911 में हुई चीनी क्रांति का नायक सनायत सेन था। 29 दिसम्बर 1911 में उनको क्रांतिकारियों ने सरकार का अध्यक्ष चुना। सनायत सेन ने कोवीनेड लीग सोसायटी संस्था की स्थापना की थी।

42. चीन में कोमितांग दल का संस्थापक डॉ. सनायत सेन को चीन का राष्ट्रपिता कहा जाता है। उसकी मृत्यु वर्ष 1925 में हुई थी।

43. माओत्से तुंग का जन्म वर्ष 1893 में हुनान में हुआ था। उसने वर्ष 1925 में हुनान के विशाल किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था। चीन में गृहयुद्ध वर्ष 1928 में शुरू हुआ था।

44. चीन में खुले द्वार की नीति अपनाई गई थी। इसे खोलने का श्रेय ब्रिटेन को दिया जाता है। खुले द्वार की नीति का प्रतिपादक जॉन हे था।

45. वर्ष 1914 से 1918 तक चले प्रथम विश्वयुद्ध में संपूर्ण विश्व दो खेमों में बंट गया था- मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र। प्रथम विश्वयुद्ध में 37 देशों ने भाग लिया था।

46. गुप्त संधियों की प्रणाली का जनक बिस्मार्क को माना जाता है। जिसके कारण पूरे यूरोप में गुप्त संधियों की परम्परा चल पड़ी और विश्व युद्ध की आगाज हुई।

47. प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जनवरी 1919 में वुडरो विल्सन ने शांति का एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। जिसे चौहर सूत्रों के नाम से जाना जाता है।

48. प्रथम विश्वयुद्ध के बाद ही यूरोपीय देशों में औरतों को मताधिकार मिला। पहली बार ग्रेट ब्रिटेन में औरतों को मताधिकार वर्ष 1918 में मिला था।

49. प्रथम विश्वयुद्ध के बाद हुई संधियों में वर्साय की संधि को थोपी गई संधि कहा जाता है।

50. जापान और जर्मनी के साथ मुसोलिनी ने रोम-बर्लिन-टोकियो धुरीका निर्माण वर्ष 1936 में किया था।

51. हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 को बॉन में हुआ था। वह जर्मन वर्कस पार्टी का सदस्य था। हिटलर की आत्मकथा का नाम मीन कैम्फ है।

52. हिटलर की विस्तारवादी नीति का पहला शिकार ऑस्ट्रिया हुआ। उसने 1 सितम्बर 1939 को पोलैण्ड पर आक्रमण किया, जिससे द्वितीय विश्वयुद्ध का प्रारंभ हुआ।

53. नाजीवाद  राजा की निरंकुश शक्ति पर बल प्रदान करता था। नाजी पार्टी का प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक था। सत्ता में आते ही हिटलर ने गुप्तचर पुलिस का गठन किया, जिसे गेस्टापों कहा जाता था।

54. हिटलर ने वर्ष 1933 में राष्ट्रसंघ की सदस्यता छोड़ने की घोषणा कर दी तथा वर्ष 1935 में वर्साय की संधि निःशस्त्रीकरण संबंधी सभी धाराओं  को तोड़ने की घोषणा की। हिटलर ने पोलैण्ड के साथ वर्ष 1934 में दस वर्षीय अनाक्रमण संधि की।

55. द्वितीय विश्वयुद्ध 1 सितम्बर, 1939 का आरंभ हुआ था, जो वर्ष 1945 तक चला था। हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को आत्महत्या कर ली थी।

56. जर्मनी की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली का प्रवेश 10 जून, 1940 को हुआ। संयुक्त रूप से इटली एवं जर्मनी का पहला शिकार स्पेन बना था।

57. जापान ने 7 दिसम्बर 1941 को हवाई द्वीप स्थित पर्ल हार्बरके अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर जबरदस्त हमला करके प्रशांत महासागर स्थित बेड़े को तहस-नहस कर दिया था। जिसके बाद 7 दिसम्बर 1941 को अमेरिका ने जापान के विरूद्ध युद्ध की घोषणा की थी।

58. जर्मनी, इटली तथा जापान के में एक संयुक्त समझौता हुआ, जो कामिण्टर्न विरोधी समझौतेके नाम से विख्यात हुआ। यह समझौता साम्यवादी रूस के विरूद्ध वर्ष 1936 में हुआ था।

59. रिपब्ल्किन पीपुल्स पार्टी का संस्थापक मुस्तफा कमाल पाशा था। 23 अक्टूबर 1923 को तुर्की गणतंत्र की घोषणा हुई थी। तुर्की के नए 60. गणतंत्र का राष्ट्रपति मुस्तफा कमाल पाशा हुआ। तुर्की में नए संविधान की घोषणा 20 अप्रैल 1924 को हुई थी।

61. मुस्तफा कमाल पाशा ने वर्ष 1925 में तुर्की में ग्रिगेरियन कैलेण्डर का प्रचलन किया। तुर्की में पुरूषों को टोपी और औरतों को बुरका पहनने पर कानूनी प्रतिबंध लगाया था। मुस्तफा कमाल पाशा की मृत्यु वर्ष 1938 में हुई थी।

62. राष्ट्रसंघ के परिषद की भूमिका कार्यकारिणी परिषद के रूप में थी। इंग्लैण्ड, फा्रंस, जापान तथा इटली इसके संस्थापक एवं स्थायी सदस्य थे। बाद में रूस एवं जर्मनी को भी स्थायी सदस्यता मिली। अस्थायी सदस्य के रूप में 9 छोटे छोटे राज्य थे।

63. फ्रांस द्वारा हिन्द चीन को अपना उपनिवेश बनाने का प्रारंभिक उद्देश्य डच एवं ब्रिटिश कंपनियों के व्यापारिक प्रतिस्पर्द्धा का सामना करना था। हिन्द-चीन में बसने वाले फां्रसीसी कोलोन कहे जाते थे।

64. 27 फरवरी, 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अनुसार युद्ध समाप्ति के 60 दिनों के अंदर अमेरिकी सेना वापस चली गई।

65. उत्तरी एवं दक्षिणी वियतनाम का एकीकरण अप्रैल 1975 में हुआ।

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अक्तूबर 18, 2018

जर्मनी का एकीकरण(Unification of Germany)


जर्मनी का एकीकरण {Unification of Germany} से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

1.जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क ने किया। बिस्मार्क प्रशा के शासक विलियम प्रथम का प्रधानमंत्री था।

2. जर्मनी का सबसे शक्तिशाली राज्य प्रशा था।

3. बिस्मार्क जर्मनी का एकीकरण प्रशा के नेतृत्व में चाहता था।

4. विलियम को जर्मन संघ के सम्राट का ताज 8 फरवरी, 1871 ई. में पहनाया गया ।

5. बिस्मार्क को सबसे अधिका भय फ्रांस से था।

6. जर्मनी में राष्ट्रीयता का संदेशवाहक नेपोलियन बोनापार्ट को माना जाता है।

7. जर्मनी के आर्थिक राष्ट्रवाद का पिता फ्रेडरिक लिस्ट को माना जाता है।

8. जर्मनी राष्ट्रीय सभी को डायट के नामा से जाना जाता था, यह फ्रेंकफर्ट में होती थी।

9. 1815 ई. से 1850 ई. के बीच जर्मन साम्राज्य पर आस्ट्रिया का आधिपत्य था।

10. आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिख था।

11. एकीकृत जर्मन राष्ट्र के निर्माण में राके, बोमर, लसर इत्यादि दार्शनिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

12. फ्रैंकफर्ट संविधान सभा का गठन मई, 1847 ई. में किया गया।

13. विलियम प्रथम के शासनकाल में प्रशा का रक्षामंत्री वानरून एवं सेनापति वान माल्टेक था।

14. 23 सितम्बर, 1862 को बिस्मार्क प्रशा का चासंलर बना।

15. बिस्मार्क का जनम 1 अपै्रल, 1815 ई. को ब्रेडनबर्ग में हुआ।

16. विलियम प्रथम ने बिस्मार्क को बाजीगर कहा था।

17. सेरेजोवा का युद्ध में 1866 ई. में आस्ट्रिया ने प्रशा के आगे आत्मसमर्पण कर दिया।

18. 23 अगस्त, 1866 ई. में प्राग संधि के तहत आस्ट्रिया जर्मन संघ में शामिल हुआ।

19. फा्रंस एवं प्रशा के बीच सेडान का युद्ध 15 जुलाई, 1870 ई. को हुआ।

20. नेपोलियन तृतीय ने प्रशा के आगे 1 सितम्ब्र, 1870 को आत्मसर्मपण किया।

21. बिस्मार्क ने जर्मनी के समा्रट विलियम प्रथम का राज्याभिषेक वर्साय के राजमहल में किया था।

22. फ्रेंकफर्ट की संधि 10 मई, 1871 ई. को फ्रांस और प्रशा के बीच हुई।

23. सुडान युद्ध के कारण  जर्मनी का  एकीकरण संभव हुआ।

मध्य यूरोप के स्वतंत्र राज्यों (प्रशा, बवेरिआ, सैक्सोनी आदि) को आपस में मिलाकर 1871 में एक राष्ट्र-राज्य व जर्मन साम्राज्य का निर्माण किया गया। इसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का नाम जर्मनी का एकीकरण

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