जर्मनी का एकीकरण(Unification of Germany) - GK Study

Breaking

जर्मनी का एकीकरण(Unification of Germany)


जर्मनी का एकीकरण {Unification of Germany} से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

1.जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क ने किया। बिस्मार्क प्रशा के शासक विलियम प्रथम का प्रधानमंत्री था।

2. जर्मनी का सबसे शक्तिशाली राज्य प्रशा था।

3. बिस्मार्क जर्मनी का एकीकरण प्रशा के नेतृत्व में चाहता था।

4. विलियम को जर्मन संघ के सम्राट का ताज 8 फरवरी, 1871 ई. में पहनाया गया ।

5. बिस्मार्क को सबसे अधिका भय फ्रांस से था।

6. जर्मनी में राष्ट्रीयता का संदेशवाहक नेपोलियन बोनापार्ट को माना जाता है।

7. जर्मनी के आर्थिक राष्ट्रवाद का पिता फ्रेडरिक लिस्ट को माना जाता है।

8. जर्मनी राष्ट्रीय सभी को डायट के नामा से जाना जाता था, यह फ्रेंकफर्ट में होती थी।

9. 1815 ई. से 1850 ई. के बीच जर्मन साम्राज्य पर आस्ट्रिया का आधिपत्य था।

10. आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिख था।

11. एकीकृत जर्मन राष्ट्र के निर्माण में राके, बोमर, लसर इत्यादि दार्शनिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

12. फ्रैंकफर्ट संविधान सभा का गठन मई, 1847 ई. में किया गया।

13. विलियम प्रथम के शासनकाल में प्रशा का रक्षामंत्री वानरून एवं सेनापति वान माल्टेक था।

14. 23 सितम्बर, 1862 को बिस्मार्क प्रशा का चासंलर बना।

15. बिस्मार्क का जनम 1 अपै्रल, 1815 ई. को ब्रेडनबर्ग में हुआ।

16. विलियम प्रथम ने बिस्मार्क को बाजीगर कहा था।

17. सेरेजोवा का युद्ध में 1866 ई. में आस्ट्रिया ने प्रशा के आगे आत्मसमर्पण कर दिया।

18. 23 अगस्त, 1866 ई. में प्राग संधि के तहत आस्ट्रिया जर्मन संघ में शामिल हुआ।

19. फा्रंस एवं प्रशा के बीच सेडान का युद्ध 15 जुलाई, 1870 ई. को हुआ।

20. नेपोलियन तृतीय ने प्रशा के आगे 1 सितम्ब्र, 1870 को आत्मसर्मपण किया।

21. बिस्मार्क ने जर्मनी के समा्रट विलियम प्रथम का राज्याभिषेक वर्साय के राजमहल में किया था।

22. फ्रेंकफर्ट की संधि 10 मई, 1871 ई. को फ्रांस और प्रशा के बीच हुई।

23. सुडान युद्ध के कारण  जर्मनी का  एकीकरण संभव हुआ।

मध्य यूरोप के स्वतंत्र राज्यों (प्रशा, बवेरिआ, सैक्सोनी आदि) को आपस में मिलाकर 1871 में एक राष्ट्र-राज्य व जर्मन साम्राज्य का निर्माण किया गया। इसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का नाम जर्मनी का एकीकरण

**For more information like this pleas visit our website dally and subscribe this website thank you**
     
                       

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें