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दिसंबर 23, 2017

मध्य प्रदेश के आंचलिक पर्व व मेले(Zoological Events and Fairs of Madhya Pradesh)

मध्यप्रदेश के प्रमुख आंचलिक पर्व एवं मेले



1.भगोरियायह मालवा क्षेत्र के भीलो का उत्सव है इस पर्व में वे अपने जीवन साथी का चुनाव करते हैं यह उत्सव फागुन में मनाया जाता है इस
2.मेघनाथफागुन में गोंड आदिवासियों द्वारा यह पर्व मनाया जाता है मेघनाथ को कौन सर्वोच्च देवता मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं यह फागुन माह के पहले पक्ष में गोंड आदिवासियों द्वारा मनाया जाता है इस अवसर पर आदिवासी करतब दिखाते हैं एवं पूजा अनुष्ठान करते हैं
3.गणगौरयह महिलाओं का पर्व है जो मालवा क्षेत्र में वर्ष में दो बार मनाया जाता है केंद्र और भादो माह में इस उत्सव पर स्त्रियां शिव पार्वती का पूजन और नृत्य करती हैं और अंत में प्रतिमाओं को विसर्जित किया जाता है
4. संजा ब मामूलिया संजा मालवा क्षेत्र में कुंवारी लड़कियों का उत्सव है जो अशिवन माह में 16 दिन तक मनाया जाता है इस दौरान दीवार पर आकृति अंकन और संध्या समय गायन किया जाता है बुंदेलखंड क्षेत्र में ऐसे ही एक पर्व को मामुलिया के नाम से जाना जाता है
5. नोरता दशहरे के पूर्व 9 दिन तक यह उत्सव महिलाएं बनाती हैं इस दौरान मां दुर्गा की पूजा होती है और गरबा भी आयोजन होता है
(6.दशहरा यह प्रदेश का प्रमुख त्योहार है राम की विजय के प्रतीक के रूप में जेठ माह दशमी को मनाया जाता है इस अवसर पर शस्त्र पूजन दशहरा मिलन होता है बुंदेलखंड क्षेत्र में इस दिन लोग एक दूसरे से घर-घर जाकर गले मिलते हैं और एक दूसरे को पान खिलाते हैं
7.गंगा दशमी  सरगुजा क्षेत्र में यह उत्सव गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है जो जेठ माह दशमी को होता है इस पर्व में पति-पत्नी मिलकर पूजन करते हैं यह पर्व धर्म से सीधा संबंध नहीं रखता लोग इस दिन अपनी अपनी पत्नी के साथ नदी किनारे खाते-पीते नाचते-गाते और तरह तरह के खेल खेलते हैं
8. मडईजनवरी से अप्रैल के बीच दक्षिणी मध्यप्रदेश के अनेक क्षेत्रों में जहां गोंड और उनकी उपजाति रहती है मडई का आयोजन किया जाता है यह 10 से 12 दिन चलता है मडई के दौरान देवी के समक्ष बकरे की बलि दी जाती है उसी दौरान आदिवासी अपने उनका देव के प्रति भक्ति का प्रसन्न करते हैं पढ़ाई के दिनों में रात्रि को नृत्य किया जाता है
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Madhya Pradesh General Knowledge



9.हरेली मुख्य रूप से किसानों का पर्व है इस दिन सभी कृषि एवं लोह उपकरणों की पूजा की जाती है श्रवण माह की अमावस को यह पर्व मनाया जाता है यह मंडला जिले में श्रवण पूर्णिमा एवं मालवा में आषाढ़ माह में मनाया जाता है मालवा में इसे हरयागोधा कहते हैं
10.गोवर्धन पूजा कार्तिक माह में दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है यह पूजा गोवर्धन पर्वत और गोधन से संबंधित है महिलाएं गोबर से पर्वत और  बेलो की आकृतियां बनाती है मालवा में भील आदिवासी पशुओं के सामने अवदान गीत होढ़ गाते हैं पशुपालक अहीर इस दिन खेर देव की पूजा करते हैं चंद्रावली नामक कथा गीत भी इस अवसर पर गाया जाता है
11.नवात्र नई फसल पकने पर दीपावली के बाद यह पर्व मनाया जाता है कहीं कहीं यह छोटी दीपावली कहलाती है
12.लारुकाज इस उत्सव में सूअर की बलि दी जाती है यह उत्सव गोंड आदिवासी नारायण देव के सम्मान में मनाते हैं गोंडों का नारायण देव के सम्मान में मनाया जाने वाला यह पर्व सूअर के विवाह का प्रतीक माना जाता है आजकल यह पर्व धीरे धीरे लुप्त होता जा रहा है परिवार की समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए इस तरह का आयोजन एक निश्चित अवधि के बाद करना आवश्यक होता है
13. रतोना यह बैगा आदिवासियों का प्रमुख त्यौहार है इस पर्व का संबंध नागा बेगा से है इस अवसर पर मधुमक्खियों की पूजा की जाती है
14. करमा हरियाली आने की खुशी में यह त्यौहार मुख्य रूप से उरांव मनाते हैं जब धान रोपने के लिए तैयार हो जाता है तब यह उत्सव मनाया जाता है और करमा नृत्य किया जाता है
15.सरहुलयह त्यौहार उरांव जनजाति का महत्वपूर्ण त्यौहार है इस अवसर पर प्रतीकात्मक रुप से सूर्य देव और धरती माता का विवाह रचाया जाता है मुर्गे की बलि दी जाती है अप्रैल के आरंभ में साल वृक्ष के फल ने पर यह त्योहार मनाया जाता है
16.सुआराबुंदेलखंड क्षेत्र सुआरा पर्व मालवा के  घढ़लिया की तरह ही है दीवार से लगे एक चबूतरे पर एक राक्षस की प्रतिमा बनाई जाती है राक्षस के सिर पर शिव पार्वती की प्रतिमाएं रखी जाती है दीवार पर सूर्य और चंद्र बनाए जाते हैं इसके बाद लड़कियां पूजा करती हैं और गीत गाती हूं
17.भाई दूज साल में दो बार मनाई जाती है एक चैत माह में होली के उपरांत तथा दूसरी कार्तिक में दीपावली के बाद बहन ने भाई को कुमकुम हल्दी चावल से तिलक करती हैं बता भाई बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं


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दिसंबर 22, 2017

मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले(Major fairs of Madhya Pradesh)

मध्य प्रदेश के प्रमुख मेले



(1).सिंहस्थ सिंहस्थ शिप्रा नदी पर चैत्र मास की पूर्णिमा से वैशाख पूर्णिमा तक जय महान स्नान पर्व चलता है कुंभ पवित्रतम मेला माना जाता है इस मेले में लोगों की अत्यंत श्रद्धा रहती है मध्यप्रदेश में उज्जैन एक मात्र स्थान है जहां कुंभ का मेला लगता है बृहस्पति के सिंह राशि पर आने पर कुंभ मेला लगता है यह ग्रह स्थिति प्रत्येक 12 साल में एक बार आती है इसी कारण उज्जैन में लगने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है
2.रामलीला का मेला यही जिला ग्वालियर जिले की भांडेर तहसील में लगता है 100 वर्षों से अधिक समय से चला आ रहा यह मेला जनवरी-फरवरी माह में लगता है
3.हीरा भूमिया मेला यह मेला ग्वालियर , गुना में आयोजित होता है

हीरामन बाबा का नाम ग्वालियर और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है यह कहा जाता है कि हीरा मन बाबा के आशीर्वाद से महिलाओं का बांझपन.  पर दूर होता है कई बरसों पुराना यह मेला अगस्त-सितंबर में आयोजित किया जाता है
4.नागाजी का मेला अकबर कालीन संत नागाजी की स्मृति में यह मेला लगता है यह मेला मुरैना जिला के पोरसा कस्बे में एक माह तक चलता है
5.तेजाजी का मेलायह मेला गुना जिले के भामाबाद  में पिछले 70 वर्षों से लगता चला आ रहा है
6.कालू जी महाराज का मेलायह मेला पश्चिमी निमाड़ (खरगोन )  के पिपलिया खुर्द में 1 महीने तक यह मेला लगता है कहा जाता है कि 200 वर्ष पूर्व कालू जी महाराज यहां पर अपनी शक्ति से आदमी और जानवरों की बीमारी ठीक करते थे
7.जागेश्वरी का मेलाहजारों सालों से अशोकनगर जिले के चंदेरी नामक स्थान में यह मेला लगता चला आ रहा है कहा जाता है कि चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के भक्त थे 
8.अमरकंटक का शिवरात्रि मेला शहडोल जिले के अमरकंटक नामों के स्थान में यह मेला लगता है यह मेला शिवरात्रि को लगता है
9.महामृत्युंजय का मेला रीवा जिले में महामृत्युंजय का मंदिर स्थित है जहां बसंत पंचमी और शिवरात्रि को मेला लगता है
10.चंडी देवी का मेला सीधी जिले के घोघरा नामक स्थान पर चंडी देवी को सरस्वती का अवतार माना जाता है यहां पर  मार्च-अप्रैल में मेला लगता है
11.काना बाबा का मेला होशंगाबाद जिले के सोडलपुर नामक गांव में काना बाबा की समाधि पर यह मेला लगता है
12.बाबा साहब उद्दीन औलिया का उर्स मेलायह और नीमच में फरवरी माह में आयोजित किया जाता है जो 4 दिनों तक चलता है यहां बाबा शहाबुद्दीन की मजार है


13.मठ घोघरा का मेलासिवनी जिले मैं मैं शिवरात्रि को 15 दिन चली मेला लगता है यहां पर प्राकृतिक झील और गुफा भी है
14.सिंगाजी का मेलापश्चिमी निमाड़ (खरगोन) के पीपलिया गांव में आग सितंबर में 1 सप्ताह का मेला लगता है सिंगा जी एक महान संत थे
15.बरमान का मेला नरसिंहपुर जिले के सुप्रसिद्ध ब्राह्मण घाट पर मकर सक्रांति पर 13 दिवसीय मेला लगता है
16.धामोनी उर्स का (बाबा मस्तान शाह अली की दरगाह का मेला) सागर जिले के धामोनी नामक स्थान पर बाबा मस्तान अली शाह की मजार पर अप्रैल-मई में यह  लगता है
17.कुंडेश्वर का मेला यह प्रतिवर्ष शिवरात्रि मकर सक्रांति व बसंत पचमी पर टीकमगढ़ जिले से 6 किलोमीटर दूर स्थित दक्षिण की ओर जमदार नदी के किनारे शिव मंदिर पर मनाया जाता है
18. बड़ौनी का मेला यह मेला शिवरात्रि बाघ गुरु पूर्णिमा को बरौनी में योगेश्वर पहाड़ी (दतिया) पर लगता है 
19.सनकुआ का मेलाकार्तिक पूर्णिमा से 15 दिन तक सेवड़ा नामक कस्बे के सनकुआ नामक स्थान पर सिंध नदी के तट पर यह मेला लगता है(दतिया)
20.मंधाता का मेलाकार्तिक माह का सात दिवसीय मेला मंधाता (खंडवा) में लगता है
21.जल बिहारी मेलायह छतरपुर जिले में लगता है अक्टूबर माह का 10 दिवसीय मेला है
22.सोनागिरी का मेलायह मेला चेत्र माह में सोनागिरी (दतिया) में लगता है
23.शारदा मां का मेला यह सतना जिले के मैहर में लगता है
24.रतनगढ़ मेला यह दीपावली की दूज के दिन रतनगढ़ दतिया में लगता है


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दिसंबर 20, 2017

मध्यप्रदेश की प्रमुख सामाजिक योजनाएं(Major social schemes of Madhya Pradesh)

मध्यप्रदेश की प्रमुख योजनाएं

इस पोस्ट में आप मध्यप्रदेश में क्रियान्वित विभिन्न सामाजिक योजनाओं के बारे में जानेंगे जो की प्रतियोगी परीक्षाओं द्वारा अधिकतर पूछी जाती हैं

(1). सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाइस योजना की शुरुआत वर्ष 1981 में हुई
निराश्रित विधवा परित्यक्ता नि:शक्त और गरीब लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए पेंशन स्वीकृत की जाती है
(2).इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था योजना इस योजना को 15 अगस्त 1995 को लागू किया गया
 योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले वृद्धों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है
(3).इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना इस योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2009 में हुई
इसके अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे की विधवा महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है
(4).इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना इस योजना को 1 अप्रैल 2009 में लागू किया गया
इसके अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले निशक्त जनों को भारत सरकार के  द्वारा पेंशन राशि प्रदान की जाती है
(5).राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना यह योजना 15 अगस्त 1995 को शुरू हुई
 गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के ऐसे सदस्य इसकी प्रकृति/अप्राकृतिक मृत्यु हो जाने पर पीड़ित परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से यह योजना संचालित की जा रही है
(6).मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजनाइसे 1 अप्रैल 2013 में लागू किया गया
 इस योजना में ऐसी दंपत्ति जिनकी केवल कन्याएं हैं और कन्याओं के विवाह के उपरांत उन दंपत्तियों को शासन की ओर से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य इस योजना के तहत पेंशन दी जाती है
(7).मुख्यमंत्री कन्यादान योजना यह योजना 1 अप्रैल 2006 में लागू की गई
 मध्य प्रदेश शासन द्वारा गरीब जरूरतमंद निराश्रित निर्धन परिवारों की कन्याओं के विवाह हेतु यह योजना शुरू की गई
(8). मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना 11 अक्टूबर 2007 को यह योजना शुरू की गई
 इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश के खेतिहर मजदूर के लिए मुख्यमंत्री
(9).आम आदमी बीमा योजना यह योजना 2 अक्टूबर 2007 को लागू की गई
 ग्रामीण भूमिहीन मजदूर के लिए आम आदमी बीमा योजना है
(10).अंत्येष्टि सहायता योजना इस योजना को 13 अगस्त 2013 को लागू किया गया
 इसमें श्रमिक वर्ग की विभिन्न योजना के अंतर्गत पंजीकृत परिवार जोकि असंगठित क्षेत्र में रहने के कारण उनकी स्थाई आय स्त्रोत ना होने पर कभी-कभी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जिससे कि उनके परिवार के किसी सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो ऐसे परिवारों को योजना का लाभ दिया जाता है
(11).नि:शक्त छात्रवृत्ति   इस योजना में निशक्त विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति दृष्टिबाधित तो बाधक भत्ता और उत्कृष्ट विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है
(12).मध्यप्रदेश में नि:शक्त छात्र छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा में दी जाने वाली थी निर्वाह भत्ता परिवहन भत्ता योजना इस योजना को 30 दिसंबर 2009 को लागू किया गया
 इस योजना में शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी आते हैं
(13).निशक्त विद्यार्थियों हेतु छात्र गृह योजनायह योजना 8 सितंबर 2008 को शुरू की गई इस योजना में 11वीं और उससे ऊपर की कक्षाओं में नियमित रूप से प्रवेश लेने पर छात्रावास की सुविधा नहीं उपलब्ध होने पर निधि भवन किराए पर लेकर छात्रों को उपलब्ध कराना है जिसका सरकार प्रतिमाह ₹750 देती है
(14).निशक्त विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा हेतु विदेश इस योजना के तहत सामाजिक न्याय विभाग के तो दो-दो अस्थि बाधित निशक्त छात्र छात्राओं दो-दो श्रवण बाधित एवं 2-2 दृष्टिबाधित विद्यार्थियों अर्थात कुल 12 चयनित निशक्त विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष विदेश में शिक्षा हेतु भेजा जाता है


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दिसंबर 19, 2017

मध्यप्रदेश की योजनाएं-2(Schemes of Madhya Pradesh)

इस पोस्ट में आप मध्य प्रदेश की अनुसूचित जाति जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानेंगे यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगे तो इस पेज को follow 

(1). छात्रावास एवं आश्रम शालायें योजना  दूर देहात के गांव में रहने वाले गरीब ,अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई लिखाई बढ़ावा देने के लिए छात्रावास एवं आश्रम योजना लागू है। अनुसूचित जाति के  कक्षा 6 से महाविद्यालयीन ( कॉलेज ) कक्षाओ में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों आश्रमों में निशुल्क रहने-खाने किताबों और अखबार आदि की व्यवस्था रहती है
(2).विमुक्त जाति के छात्र छात्राओं के लिए आश्रम एवं प्री-मैट्रिक छात्रावास सुदूर एवं शिक्षा विहीन क्षेत्रों में रहने वाले विमुक्त जाति के छात्र-छात्राओं को शिक्षा के दिशा में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य उन्हें छात्रावास एवं अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। छात्रावास में निशुल्क भोजन ,शयन सामग्री ,प्रकाश , पाठ्य-पुस्तकें समाचार पत्र पत्रिकाओं की व्यवस्था रहती है।
(3).छात्र गृह योजना इस योजना के अंतर्गत महाविद्यालय में अनुसूचित जाति के पढ़ने वाले छात्र जिन्हें छात्रावास में रहने का स्थान नहीं मिल पाता है , अधिकतम 10 छात्र के लिए विभाग किराए पर मकान की व्यवस्था करता है।
(4).राज्य छात्रवृत्ति (प्री-मैट्रिक)  विद्यालय में नियमित रूप से कक्षा 6 से 10 तक के अनुसूचित जाति के छात्रों को निरंतर अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा के बंधन में शिथिलता दी गई है।
(5) मैट्रीकोत्तर छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को कक्षा 11 से स्नातकोत्तर (पोस्टग्रेजुएट) मेडिकल और इंजीनियरिंग शिक्षा भी शामिल है में अध्ययन करने हेतु मैट्रिक उत्तर छात्रवृत्ति दी जाती है। यह सुविधा उच्च शिक्षा प्राप्त करने में प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है
(6).अस्वच्छ धंधे में लगे परिवारों के बच्चों के लिए केंद्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत विशेष छात्रवृत्तिइस योजना के लिए मृत मवेशी के चमड़े से संबंधित कार्य तथा मेला सफाई के काम में लगे हुए अनुसूचित जाति के लोगों के शालाओं में पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा 1 से 10 तक विशेष छात्रवृत्ति मिलती है
(7). विद्यार्थी कल्याण कार्यक्रम इस योजना में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को आकस्मिक चिकित्सा के लिए गणवेश व उनकी विभिन्न रुचियों को प्रोत्साहन देने और व्यवसायिक शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए ₹500 तक की वित्तीय सहायता दी जाती है
(8).कन्या साक्षरता प्रोत्साहन  अनुसूचित जाति की कन्याएं जो पांचवी कक्षा पास कर आगे अध्ययन करना छोड़ देती हैं उन्हें आगे पढ़ाई जारी रखने हेतु प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है
(9).निशुल्क पाठ्य सामग्री का प्रदाय  अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग के छात्र छात्राओं को व्यवसायिक एवं तकनीकी कॉलेज में पढ़ने के लिए तथा साक्षरता प्रगति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन हेतु पाठ्य सामग्री /पुस्तकें आदि निशुल्क प्रदान की जाती हैं
(10).उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मंडल के परीक्षा शुल्क की पूर्ति उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को परीक्षा शुल्क से मुक्ति दिलाने के लिए उनके बोर्ड परीक्षा शुल्क की समस्त राशि शिक्षा मंडल को भुगतान की जाती है यह राशि आदिम जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण के अंतर्गत प्री मैट्रिक स्तर पर अध्ययनरत छात्रों को उच्चतर और महाविद्यालयीन कक्षाओं में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति बंजारा जाति के बच्चों को शिक्षा में प्रोत्साहन देने समुदाय कल्याण केंद्रों में छात्रों को एक ही परिसर में आवाज शिक्षा और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना एवं निशुल्क कोचिंग व्यवस्था कराना भी शामिल है
(11).अशासकीय संस्थाओं के अनुदान  अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु कार्यरत अशासकीय संस्थाओं को योजना अंतर्गत अनुदान मिलता है अनुसूचित जाति के विकास हेतु छात्रावास बालवाड़ी महिलाओं के लिए सिलाई केंद्र के लिए अनुदान का प्रावधान है

मध्यप्रदेश की प्रमुख योजनाएं-1

(12).परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र सिविल सेवाओं में अनुसूचित जाति के बालक बालिकाओं के अध्ययन के लिए तैयारी हेतु मध्यप्रदेश के लिए तैयारी हेतु मध्यप्रदेश में भोपाल ग्वालियर सागर इंदौर जबलपुर मुरैना 12 में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं इन केंद्रों में पुस्तकालय और परीक्षा उपयोगी पढ़ने की सामग्री उपलब्ध कराई जाती है तथा स्थाई जाती हैतथा प्रशिक्षण अवधि में छात्रवृत्ति भी दी जाती है
(13).अनुसूचित जाति राहत योजना स्वर्ण स्वर्ण जाति द्वारा सवर्ण जाति द्वारा अनुसूचित जाति द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति किए गए अत्याचारों के फलस्वरुप हुई हानि की पूर्ति तथा जरूरतमंद अनुसूचित जाति के परिवारों को तुरंत राहत देने के उद्देश्य सहायता दी जाती है अनुसूचित जाति अनुसूचित जाति के साधन विहीन तथा अनाथ कन्या के विवाह हेतु सहायता प्रदान की जाती है
(14). अस्पृश्यता निवारणार्थ अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार अस्पृश्यता निवारण के लिए अंतरजातीय विवाह योजना का मूल्य उद्देश्य अस्पृश्यता को समाप्त करना है। ऊॅच नीच और छुआछूत के विचारों को नष्ट करने की दिशा में सवर्ण युवक युवती द्वारा अनुसूचित जाति की युवक से विवाह करने पर दंपत्ति को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाता है।
(15).विधि स्नातकों को आर्थिक सहायता अनुसूचित जाति के विधि स्नातकों को विधि व्यवसाय में प्रशिक्षित, स्वावलंबी जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया जाता है और इस हेतु जिला अध्यक्ष द्वारा ₹200 प्रतिमाह की सहायता 1 वर्ष के लिए दी जाती है।
(16).प्रावीण्य छात्रवृत्ति  अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के छात्र छात्राओं को परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर शासन द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है।
(17).दाई प्रोत्साहन योजना  गांवों में प्रसूति कार्य कराने में अनुसूचित जाति परिवार की महिलाएं दाई का कार्य करती हैं ऐसी महिलाओं को समुचित परिश्रमिक प्राप्त नहीं होता। राज्य शासन प्रस्तुति कार्य संपन्न कराने वाली महिलाओं को प्रसूति ₹50 की दर से प्रोत्साहन स्वरूप परिश्रमिक राशि भुगतान करता है। वह राशि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जानकारी पर जिलाध्यक्ष द्वारा स्वीकृत की जाती है।



(18).प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र अनुसूचित जातियों के आर्थिक विकास के लिए प्रशिक्षण से उत्पादन केंद्रों में कम पढ़े लिखे बालकों को एक वर्ष के लिए बड़गिरी, टेलरिंग, चर्म शोधन ,कपड़ा बुनाई, टाटपट्टी निर्माण, बांस उद्योग और चर्म शिल्प का प्रशिक्षण दिया जाता है प्रशिक्षण अवधि में रिक्ति के अतिरिक्त औजार उपकरण अनुदान के रूप में किए जाते हैं
(19).बुनाई प्रशिक्षण केंद्र हाथकरघा व्यवसाय को आधुनिक स्वरूप देने और अनुसूचित जाति के बुनकरों को बुनाई करता का प्रशिक्षण दिया जाता है प्रशिक्षण अवधि में शिक्षा वृद्धि देने का प्रावधान है
 (20).अस्वच्छ धंधों का व्यवसायीकरण आसक्त धंधों में संलग्न अनुसूचित जाति परिवारों को इस योजना के अनुसार लाभ दिया जाता है इस में कचरा मेला गाड़ी का क्रेज पार्किंग शेड का निर्माण सेप्टिक टैंक बूथ स्तर पर टंकी ओवरहेड बम पटाखों का निर्माण परिवार मूलक कार्यक्रम से बैलगाड़ी पर प्रदाय में समावेशी चमड़ा हड्डी माता दी की ढुलाई हेतु अशोक सरत लोगों के प्राइमरी स्कूल अन्य कार्यों के स्तर में सुधार किए जाते हैं
(21). स्वरोजगार योजना स्वरोजगार योजना में अनुसूचित जाति के शिक्षित बेरोजगार तथा पारंपरिक व्यवसाय वाले युवकों को स्वयं का रोजगार करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा जिला अंत्यावसाई सहकारी विकास समिति के द्वारा उपलब्ध करा जाता है
(22).कृषि विकास कार्यक्रम  अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग के लोग जो खेती करते हैं और उनके पास सिंचाई की पर्याप्त सुविधा नहीं हूं उन्हें अंत्यावसाई सहकारी विकास निगम के माध्यम से सिंचाई कूपों का निर्माण पुराने को की मरम्मत डीजल तथा विद्युत संप्रदाय जनरेटर योजना हेतु अनुदान दिया जाता है
(23).अनुसूचित जाति बस्तियों का सघन विकास विशेष घटक योजना के अधीन अनुसूचित जाति की बस्तियों में पहुंच मार्ग का निर्माण मरम्मत बस्तियों में सड़क कुलियों का निर्माण की नालियों का निर्माण सामुदायिक भवन छात्रावासों तथा आश्रम भवनों के निर्माण पेयजल व्यवस्था आदि का कार्य कराना है
(24).प्रतिष्ठा योजना  इस योजना के तहत सिर पर मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने के लिए सफाई कामगारों को मुक्ति और उनके रहे बार सदा सम्मानजनक जीवन जीने के लिए उन्हें वैकल्पिक रोजगार देने की व्यवस्था है जिससे उनका जीवन उत्तर सुधर सके

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दिसंबर 18, 2017

मध्य प्रदेश के प्रमुख आदिवासी नृत्य(Major tribal dance of Madhya Pradesh)

मध्य प्रदेश के प्रमुख आदिवासी नृत्य

दोस्तों  इस पोस्ट में आप मध्यप्रदेश के आदिवासी जनजाति नृत्य के बारे में जानेंगे अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगे और जानकारी पसंद आया तो हमारे पेज को फॉलो करना ना भूलें


(1).करमांमंडला के आसपास के क्षेत्रों में गोंद और बैगा आदिवासियों का प्रमुख नृत्य है
(2).पर धोनी यह बैगा आदिवासियों द्वारा विवाह के अवसर पर बारात आगवानी के लिए किए जाने वाला लोक नृत्यहे
(3).दशहरा बैगा आदिवासियों यद्यपि दशहरा त्योहार नहीं मनाते हैं किंतु विजयदशमी से प्रारंभ होने के कारण इस नृत्य का नाम दूसरा नहीं पड़ा
(4).भगोरिया नृत्य मध्यप्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर क्षेत्र में निवास करने वाले भीलो का भगोरिया नृत्य, भगोरिया हाट में होली अथवा अन्य अवसरों पर युवक युक्तियों द्वारा किया जाता है
(5). हुलकी   पाटा मुरिया आदिवासियों में प्रचलित है इसमें नृत्य के साथ ही इसके गीत भी विशेष आकर्षण रखते हैं
(6). थापटी नाचथापटी कोरकु का पारंपरिक लोक हे नृत्य के साथ में कोर को स्त्री पुरुष से संबोधित करते हैं

मध्यप्रदेश के पौराणिक एवं प्राकृतिक दर्शनीय स्थल
साहित्य के पुरस्कार लिटरेचर अवार्ड

(7).शैला नृत्य  यह शुद्धत: जनजातियों का नृत्य है यह नृत्य आपसी प्रेम एवं भाईचारे का प्रतीक है शैला का अर्थ शैला ठंडा होता है
(8). अटारी नृत्ययह बघेलखंड के भूमिया बेगा का नृत्य है यह नृत्य वर्तुलाकार होता है
(9). ढाँढलयह नृत्य कौरकु  आदिवासियों द्वारा किया जाता है. 
(10).भड़म  नृत्य  इसे  भंगम नृत्य भी कहते हैं भारिया जनजाति में यह मुख्यता विवाह के अवसर पर किया जाता है
(11). सेतम  भारिया महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है इसमें हाथों में मंजिरा लेकर युवतियों के दो तल आमने सामने खड़े होते हैं और बीच में पुरुष ढोल बजाता है
(12).सरहुल सरहुल उरांव जनजाति का अनुष्ठानिक नृत्य है और  उरांव वर्ष में चैत्र मास की पूर्णिमा पर  शाल वृक्ष की पूजा का आयोजन करते हैं और वृक्ष के आसपास नृत्य करते हैं



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दिसंबर 16, 2017

मध्यप्रदेश के पर्यटन एवम पौराणिक एवं प्राकृतिक दर्शनीय स्थल

इस पोस्ट में आप मध्य प्रदेश के पर्यटन एवम पौराणिक एवं प्राकृतिक दर्शन स्थलों के बारे में जानेंगे


अमरकंटकयह पुष्पराजगढ़ तहसील अनूपपुर में स्थित है

लगभग 3500 फीट ऊंचाई पर स्थित हिल स्टेशन कपिल धारा एवं दुग्ध धारा प्रपात, नर्मदा कुंड ,माई की बगिया ,कबीर चौरा ,नवग्रह मंदिर ,जैन मंदिर ,आदिनाथ मंदिर, सोनू मुंडा तथा साईं का मंदिर स्थित है. सन 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया
चित्रकूट  यह झांसी मानिकपुर रेल मार्ग पर कर्वी स्टेशन के निकट स्थित है

जनश्रुतियों के अनुसार ब्रह्मा विष्णु महेश ने यहीं पर बाल अवतार लिए थे वनवास के समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम यहीं पर महर्षि अदीबा सती अनसुईया के अतिथि बने कामदगिरि अनुसुइया आश्रम, भारतकूट तथा हनुमान धारा यहां स्थित है 2005 में पवित्र नगरी घोषित किया गया
.मैहर यह सतना जिले में कटनी इलाहाबाद मार्ग पर स्थित है

 संगीतकार उस्ताद अलाउद्दीन खान की जन्म भूमि तथा आराध्य देवी शारदा मां का मंदिर| 2005 में इसे पवित्र नगरी घोषित किया गया
.सांची रायसेन जिले में झांसी इटारसी रेल मार्ग पर स्थित है
बौद्ध तीर्थ स्थल यहां तीन स्तूप है यहां का बड़ा स्तूप 36.5 मीटर व्यास का उचाई 16.4 मीटर है
मुक्तागिरी  बैतूल
दिगंबर जैनियों का पवित्र तीर्थ स्थल है यहां 52 मंदिर हैं
उज्जैन शिप्रा नदी के तट पर बसा है
 महाकालेश्वर मंदिर ,दक्षिण में जंतर-मंतर चिंतामणि ,गणेश, गोपाल जी का मंदिर, सांदीपनि का आश्रम ,मंगलनाथ का मंदिर ,भृतहरिगुफा| यहां पर 12 वर्ष बाद कुंभ का मेला लगता है 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया
ओंकारेश्वर खंडवा से 78 इंदौर से 71 किलोमीटर दूर नर्मदा के तट पर
 मध्यकालीन ब्राह्मण शैली में बना ओंकार मांधाता का सुंदर मंदिर है ,यहां सिद्धनाथ मंदिर 24 अवतार सनमात्रिक तट पर मंदिर, गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएं हैं सन 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया
बावनगजा   बड़वानी से 10 किलोमीटर दूर बावनगजा थी पहाड़ियों में
 प्रमुख जैन स्थल 15 वी शताब्दी की 72 फीट ऊंची ऋषभदेव जी की दिगंबर मूर्ति है



खजुराहो यह छतरपुर में स्थित है
 कंदरिया महादेव मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, आदिनाथ मंदिर, नंदी मंदिर, पार्श्व नाथ मंदिर ,आदि प्रमुख मंदिर हैं
तीन समूहों 1. पश्चिम समूह 2. पूर्वी समूह 3.दक्षिण समूह में चंदेल राजाओं द्वारा बनाए गए मंदिरों की श्रंखला है
नोहटा   बीना कटनी रेल मार्ग पर स्थित है
12 वीं शताब्दी में चंदेलों की राजधानी, गुरसैया और बेरमा दमोह में 21 किलोमीटर दूर नदियों के संगम पर बसा यह नगर प्राचीन शिव मंदिर और जैन मंदिर के अवशेषों है तो विख्यात है
पचमढ़ी  यह होशंगाबाद जिले में स्थित है
 अप्सरा बिहार, धूपगढ़, जटाशंकर, पांडव की गुफाएं, धूपगढ़, चौरागढ़ एवं महादेव शिखर हैं सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ 1350 मीटर है
बांधवगढ़  जबलपुर से 210 किलोमीटर दूर स्थित है
 1968 में बना यह पर अभ्यारण है
चंदेरी यह अशोकनगर जिले में स्थित है
 200 मीटर ऊंचे किले ,खूनी दरवाजा, चारों और  बावड़ियों बा सरोवर ,धोबन मठ स्थित है
पशुपतिनाथ का मंदिर यह मंदसौर जिले में स्थित है
 1982 में बिरला मंदिर के प्रारूप पर इस मंदिर का निर्माण हुआ इसमें पशुपतिनाथ महादेव की सवा 5 फीट ऊंची प्रतिमा लगी है
सोनागिरी यह दतिया के समीप स्थित है
 यहां पर दिगंबर जैन धर्म से संबंधित 108 मंदिर हैं
 गोम्मतगिरिइंदौर के समीप
 भगवान बाहुबली की 27 फीट ऊंची खड़गासन प्रतिमा है
पीतांबरा पीठ यह दतिया के समीप स्थित है
 पीतांबरा पीठ 1 शक्तिपीठ है
मांडूयह धार जिले में स्थित है
 इसे सिटी ऑफ जॉय कहा जाता है यहां पर जहाज महल, हिंडोला महल ,रानी रूपमती का महल, बाज बहादुर महल ,अशर्फी महल ,देखने योग्य है
भेड़ाघाट  जबलपुर में स्थित है
नर्मदा एवं बाबन नदी के संगम पर स्थित यह प्रपात दोनों और संगमरमर की चट्टानों से घिरा हुआ है भृगुऋषि ने यही तपस्या की थी ,बंदर कूदनी और चौसठ योगिनी के मंदिर हैं
 चचाई का जलप्रपात यह रीवा जिले में स्थित है
130 मीटर ऊंचा यह जलप्रपात मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात है
.धुआंधार प्रपात  यह जबलपुर में है
 नर्मदा नदी पर स्थित यह प्रपात 18 मीटर ऊंचा है
महेश्वर यह खरगोन जिले में स्थित है
दक्षिण अवंतिका की राजधानी थी जहां पर सहस्त्रधारा प्रपात है अहिल्याबाई होल्कर ने इसे अपनी राजधानी बनाया था नर्मदा तट पर अहिल्या घाट देखने योग्य है
पावागिरी(ऊन) यह इंदौर में स्थित है
 यहां पर 99 जैन मंदिरों के निर्माण के कारण इसका नाम उन पड़ा है दिगंबर जैनों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है
पुष्पगिरी  यह देवास जिले में हैं
 जैनों का तीर्थ स्थल है और यहां पर कई शिक्षा संस्थान बनाए जा रहे हैं
भरहुत यह सतना जिले में हैं
 यहां बौद्ध स्तूप के साक्ष्य मिले हैं





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दिसंबर 15, 2017

Most important MP GK-1

मध्य प्रदेश सामान्य ज्ञान पर्यटन स्थल

Q.1भारत के प्रमुख पर्यटन केंद्रों में खजुराहो का कौन सा स्थान है
Ans. तीसरा
Q.2अकबर के नवरत्नों में से एक अब्दुल रहीम खानखाना की ऐतिहासिक भूमि हैं
Ans. चित्रकूट
Q.3जहाज महल कहां स्थित है
Ans. मांडू
Q.4हिंडोला महल कहां स्थित है
Ans.  मांडू
Q.5चंपा बावड़ी कहां स्थित है
Ans. मांडू
Q.6होशंगशाह का मकबरा कहां है
Ans. मांडू
Q.7अशरफी महल कहां है
Ans. मांडू
Q.8रानी रूपमती का झरोखा कहां स्थित है
Ans. मांडू मांडू
Q.9महाबराह की विशाल प्रतिमा कहां स्थित है
Ans. विदिशा
Q.10 बीज मंडल, रामघाट, चरण तीर्थ किस जिले में स्थित हैं
Ans. विदिशा
Q.11ग्यारसपुर माला देवी मंदिर किस जिले में स्थित है
Ans. विदिशा में
Q.12प्रसिद्ध नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर कहां है
Ans. विदिशा में
Q.13वल्लभ संप्रदाय 3GPजी मंदिर कहां स्थित है
Ans. भोपाल में

**भारत तथा मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण योजनाएं**

Q.14चौसठ योगिनी का गोल मंदिर जिसमें 81 मूर्तियां है कहां स्थित है
Ans. भेड़ाघाट में
Q.15देवी कालकाजी मंदिर मां अब्दुल्ला शाह चगल का मकबरा स्थित है
Ans. धार का किला
Q.16हजरत मकबूल की कब्र किस जगह स्थित है
Ans. धार (दुर्ग में)
Q.17पूर्व का जिब्राल्टर कहलाने वाला ग्वालियर दुर्ग की ऊंचाई कितनी है
Ans. 300 फुट
Q.18ग्वालियर के दुर्ग का निर्माण किसने करवाया था
Ans. राजा सूरजमल द्वारा इसका निर्माण कराया गया था
Q.19तेली कातेली का मंदिर कहां स्थित है
Ans. ग्वालियर के किले में
Q.20 संगीत सम्राट तानसेन तथा रानी लक्ष्मीबाई की समाधियां हैं
Ans. ग्वालियर
Q.21 महाराजा सिंधिया का संग्रहालय है
Ans. ग्वालियर
Q.22 खूनी दरवाजा मध्य प्रदेश में कहां स्थित है
Ans.  चंदेरी में यह 

Q.23धोवन मठ कहां स्थित है
Ans.  चंदेरी
Q.24 पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है
Ans. मंदसौर में
Q.25 मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल
Ans. बावनगजा यहां पर 75 फीट ऊंची जैन मूर्ति है

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दिसंबर 14, 2017

भारत तथा मध्यप्रदेश की प्रमुख योजनाएं


(1).प्रधानमंत्री जनधन योजनायह योजना 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई
(2).प्रधानमंत्री मुद्रा योजना यह योजना 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई इसका उद्देश्य सूक्ष्म उद्योगों का ऋण उपलब्ध कराना है
(3).प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना इस योजना की शुरुआत 1 मई 2016 बलिया उत्तर प्रदेश से की गई इसका उद्देश्य BPL के नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को अगले 3 साल में 5 करोड़ गैस कनेक्शन बांटना है
(4).प्रधानमंत्री उजाला योजना इस योजना की शुरुआत 11 मार्च 2016 को की गई इसमें किफायती दरों पर LED बल्ब उपलब्ध कराना है
(5).सुकन्या समृद्धि योजना 22 जनवरी 2015 के अंतर्गत कन्या के माता पिता उसके 10 वर्ष की आयु तक बैंक खाते में कम से कम ₹1000 से डेढ़ लाख रूपय तक जमा कर सकते हैं
(6).मिशन इंद्रधनुष इस योजना की शुरुआत 5 अक्टूबर 2016 को की गई इसका उद्देश्य 2020 तक 90% बच्चों को विभिन्न बीमारियों से रक्षा करने हेतु टीकाकरण करना है
(7).सेतु भारतम योजना इस योजना की शुरुआत 4 अप्रैल 2016 को की गई
(8).प्रधानमंत्री आवास योजना इस योजना की शुरुआत 21 फरवरी 2015 को की गई
(9).सांसद आदर्श ग्राम योजना  इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2014 को की गई



(10).स्वच्छ भारत मिशन इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को की गई
(11).राष्ट्रीय पोषण सप्ताह  1 सितंबर से 7 सितंबर तक
(12).ममता अभियान इसकी शुरुआत 11 अप्रैल 2013 को की गई
(13).राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एनआरएचएम इसकी शुरुआत 2005 में की गई
(14).राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन इस योजना की शुरुआत 8 मार्च 2010 को की गई
(15).राष्ट्रीय महिला कोष मार्च 1993
(16)राष्ट्रीय महिला आयोग इसका गठन जनवरी 1992 में किया गया
(17).राज्य महिला आयोग इसका गठन 23 मार्च 1996 को किया गया
(18).गौरवी अभियान इसकी शुरुआत 16 जून 2014 को की गई इसका उद्देश्य यौन शोषण की शिकार महिलाओं के लिए बस स्टॉप क्राइसिस सेंटर खोलना है पहला वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर भोपाल में खोला गया है



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